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2015 दीवाली के दौरान धनतेरस पूजा का समय Madambakkam, तमिलनाडु, भारत के लिए

DeepakDeepak

2015 धनत्रयोदशी

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Madambakkam, भारत
धनत्रयोदशी
9वाँ
नवम्बर 2015
Monday / सोमवार
धनतेरस पर महालक्ष्मी कुबेर पूजा
Mahalakshmi Kuber Puja on Dhanteras

प्रदोष काल मुहूर्त

धनतेरस पूजा सोमवार, नवम्बर 9, 2015 पर
धनतेरस पूजा मुहूर्त - 18:05 से 19:06
अवधि - 01 घण्टा 02 मिनट्स
यम दीपम सोमवार, नवम्बर 9, 2015 को
प्रदोष काल - 17:41 से 20:10
वृषभ काल - 18:05 से 20:07
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ - नवम्बर 08, 2015 को 16:31 बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त - नवम्बर 09, 2015 को 19:06 बजे

अन्य वर्षों में धनत्रयोदशी का दिन

2012 - रविवार, 11 नवम्बर
2013 - शुक्रवार, 1 नवम्बर
2014 - मंगलवार, 21 अक्टूबर
2015 - सोमवार, 9 नवम्बर
2016 - शुक्रवार, 28 अक्टूबर
2017 - मंगलवार, 17 अक्टूबर
2018 - सोमवार, 5 नवम्बर
2019 - शुक्रवार, 25 अक्टूबर
2020 - शुक्रवार, 13 नवम्बर
2021 - मंगलवार, 2 नवम्बर
2022 - शनिवार, 22 अक्टूबर

* धनत्रयोदशी के दिनों की गणना Madambakkam, भारत के लिये की गयी है।

टिप्पणी: सभी समय २४:००+ प्रारूप में Madambakkam, भारत के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय २४:०० से अधिक हैं और आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

2015 धनतेरस पूजा, धनत्रयोदशी पूजा

धनत्रयोदशी या धनतेरस के दौरान लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है और लगभग २ घण्टे २४ मिनट तक रहता है।

धनतेरस पूजा को करने के लिए हम चौघड़िया मुहूर्त को देखने की सलाह नहीं देते हैं क्योंकि वे मुहूर्त यात्रा के लिए उपयुक्त होते हैं। धनतेरस पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल के दौरान होता है जब स्थिर लग्न प्रचलित होती है। ऐसा माना जाता है कि अगर स्थिर लग्न के दौरान धनतेरस पूजा की जाये तो लक्ष्मीजी घर में ठहर जाती है। इसीलिए धनतेरस पूजन के लिए यह समय सबसे उपयुक्त होता है। वृषभ लग्न को स्थिर माना गया है और दीवाली के त्यौहार के दौरान यह अधिकतर प्रदोष काल के साथ अधिव्याप्त होता है।

धनतेरस पूजा के लिए हम यथार्थ समय उपलब्ध कराते हैं। हमारे दर्शाये गए मुहूर्त के समय में त्रयोदशी तिथि, प्रदोष काल और स्थिर लग्न सम्मिलित होते हैं। हम स्थान के अनुसार मुहूर्त उपलब्ध कराते हैं इसीलिए आपको धनतेरस पूजा का शुभ समय देखने से पहले अपने शहर का चयन कर लेना चाहिए।

धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस का दिन धन्वन्तरि त्रयोदशी या धन्वन्तरि जयन्ती, जो कि आयुर्वेद के देवता का जन्म दिवस है, के रूप में भी मनाया जाता है।

इसी दिन परिवार के किसी भी सदस्य की असामयिक मृत्यु से बचने के लिए मृत्यु के देवता यमराज के लिए घर के बाहर दीपक जलाया जाता है जिसे यम दीपम के नाम से जाना जाता है और इस धार्मिक संस्कार को त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है।

द्रिक पञ्चाङ्ग के सभी सदस्यों की ओर से आपको धनत्रयोदशी की हार्दिक शुभकामनायें।

Kalash
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