टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में San Cristobal, Dominican Republic के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।
शमी पूजा, विजयादशमी के दिन किये जाने वाले महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है। परम्परागत रूप से शमी पूजा क्षत्रियों तथा राजाओं द्वारा की जाती है। किसी भी नगर या शहर के उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित शमी का पेड़ पूजन के लिये अत्यधिक उपयुक्त माना जाता है।
शमी वृक्ष को कुछ क्षेत्रों में छोंकर वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। यदि शमी वृक्ष उपलब्ध नहीं है, तो पूजा के लिये अश्मन्तक वृक्ष का उपयोग किया जा सकता है। अश्मन्तक वृक्ष को बहेड़ा वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। भारत के कुछ दक्षिणी राज्यों में, शमी पूजा को बन्नी पूजा तथा जम्मी पूजा के रूप में भी जाना जाता है।
शमी वृक्ष की पूजा करने के लिये निम्नलिखित मन्त्र हैं -
अमङ्गलानां च शमनीं शमनीं दुष्कृतस्य च।
दु:स्वप्रनाशिनीं धन्यां प्रपद्येऽहं शमीं शुभाम्॥
शमी शमयते पापं शमी लोहितकण्टका।
धारिण्यर्जुनबाणानां रामस्य प्रियवादिनी॥
करिष्यमाणयात्रायां यथाकाल सुखं मया।
तत्रनिर्विघ्नकर्त्रीत्वंभवश्रीरामपूजिते॥