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1659 प्रदोष व्रत के दिन कोलंबस, Ohio, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए

DeepakDeepak

1659 प्रदोष के दिन

त्रयोदशी
13 दिन शेष
बुध प्रदोष व्रत
ज्येष्ठ, शुक्ल त्रयोदशी
कोलंबस, संयुक्त राज्य अमेरिका
19
जून 2024
बुधवार
1659 प्रदोष के दिन
[1715 - 1716] विक्रम सम्वत
प्रदोष व्रत
जनवरी 5, 1659, रविवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 55 मिनट्स
पौष, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - जनवरी 04 को 27:52+ बजे
समाप्त - जनवरी 05 को 30:29+ बजे
प्रदोष व्रत
जनवरी 20, 1659, सोमवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 50 मिनट्स
माघ, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - जनवरी 19 को 25:24+ बजे
समाप्त - जनवरी 20 को 22:20 बजे
प्रदोष व्रत
फरवरी 4, 1659, मंगलवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 44 मिनट्स
माघ, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - फरवरी 03 को 24:23+ बजे
समाप्त - फरवरी 04 को 26:06+ बजे
प्रदोष व्रत
फरवरी 18, 1659, मंगलवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 38 मिनट्स
फाल्गुन, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - फरवरी 18 को 10:41 बजे
समाप्त - फरवरी 19 को 08:20 बजे
प्रदोष व्रत
मार्च 5, 1659, बुधवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 07 मिनट्स
फाल्गुन, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - मार्च 05 को 18:56 बजे
समाप्त - मार्च 06 को 19:17 बजे
प्रदोष व्रत
मार्च 19, 1659, बुधवार
त्रयोदशी
01 घण्टा 19 मिनट्स
चैत्र, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - मार्च 19 को 19:51 बजे
समाप्त - मार्च 20 को 18:37 बजे
प्रदोष व्रत
अप्रैल 4, 1659, शुक्रवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 14 मिनट्स
चैत्र, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - अप्रैल 04 को 10:28 बजे
समाप्त - अप्रैल 05 को 09:26 बजे
प्रदोष व्रत
अप्रैल 18, 1659, शुक्रवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 07 मिनट्स
वैशाख, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - अप्रैल 17 को 29:49+ बजे
समाप्त - अप्रैल 19 को 05:57 बजे
प्रदोष व्रत
मई 4, 1659, रविवार
त्रयोदशी
01 घण्टा 10 मिनट्स
वैशाख, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - मई 03 को 22:54 बजे
समाप्त - मई 04 को 20:43 बजे
प्रदोष व्रत
मई 17, 1659, शनिवार
त्रयोदशी
01 घण्टा 54 मिनट्स
ज्येष्ठ, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - मई 17 को 17:25 बजे
समाप्त - मई 18 को 18:51 बजे
प्रदोष व्रत
जून 2, 1659, सोमवार
त्रयोदशी
01 घण्टा 50 मिनट्स
ज्येष्ठ, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - जून 02 को 08:41 बजे
समाप्त - जून 03 को 05:40 बजे
प्रदोष व्रत
जून 16, 1659, सोमवार
त्रयोदशी
01 घण्टा 48 मिनट्स
आषाढ़, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - जून 16 को 06:59 बजे
समाप्त - जून 17 को 09:19 बजे
प्रदोष व्रत
जुलाई 1, 1659, मंगलवार
त्रयोदशी
01 घण्टा 48 मिनट्स
आषाढ़, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - जुलाई 01 को 16:25 बजे
समाप्त - जुलाई 02 को 12:58 बजे
प्रदोष व्रत
जुलाई 16, 1659, बुधवार
त्रयोदशी
01 घण्टा 52 मिनट्स
श्रावण, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - जुलाई 15 को 22:14 बजे
समाप्त - जुलाई 16 को 24:48+ बजे
प्रदोष व्रत
जुलाई 31, 1659, बृहस्पतिवार
त्रयोदशी
01 घण्टा 57 मिनट्स
श्रावण, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - जुलाई 30 को 22:55 बजे
समाप्त - जुलाई 31 को 19:28 बजे
प्रदोष व्रत
अगस्त 14, 1659, बृहस्पतिवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 03 मिनट्स
भाद्रपद, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - अगस्त 14 को 14:32 बजे
समाप्त - अगस्त 15 को 16:37 बजे
प्रदोष व्रत
अगस्त 29, 1659, शुक्रवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 10 मिनट्स
भाद्रपद, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - अगस्त 28 को 29:12+ बजे
समाप्त - अगस्त 29 को 26:14+ बजे
प्रदोष व्रत
सितम्बर 13, 1659, शनिवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 18 मिनट्स
आश्विन, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - सितम्बर 13 को 07:10 बजे
समाप्त - सितम्बर 14 को 08:16 बजे
प्रदोष व्रत
सितम्बर 27, 1659, शनिवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 25 मिनट्स
आश्विन, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - सितम्बर 27 को 12:31 बजे
समाप्त - सितम्बर 28 को 10:33 बजे
प्रदोष व्रत
अक्टूबर 13, 1659, सोमवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 33 मिनट्स
कार्तिक, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - अक्टूबर 12 को 23:35 बजे
समाप्त - अक्टूबर 13 को 23:27 बजे
प्रदोष व्रत
अक्टूबर 27, 1659, सोमवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 40 मिनट्स
कार्तिक, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - अक्टूबर 26 को 22:09 बजे
समाप्त - अक्टूबर 27 को 21:34 बजे
प्रदोष व्रत
नवम्बर 11, 1659, मंगलवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 47 मिनट्स
मार्गशीर्ष, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - नवम्बर 11 को 15:19 बजे
समाप्त - नवम्बर 12 को 13:54 बजे
प्रदोष व्रत
नवम्बर 25, 1659, मंगलवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 52 मिनट्स
मार्गशीर्ष, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - नवम्बर 25 को 11:03 बजे
समाप्त - नवम्बर 26 को 11:58 बजे
प्रदोष व्रत
दिसम्बर 11, 1659, बृहस्पतिवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 56 मिनट्स
पौष, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - दिसम्बर 10 को 29:44+ बजे
समाप्त - दिसम्बर 11 को 27:12+ बजे
प्रदोष व्रत
दिसम्बर 25, 1659, बृहस्पतिवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 56 मिनट्स
पौष, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - दिसम्बर 24 को 27:19+ बजे
समाप्त - दिसम्बर 25 को 29:24+ बजे

टिप्पणी: सभी समय २४:००+ प्रारूप में कोलंबस, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय २४:०० से अधिक हैं और आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

1659 प्रदोष के दिन

Pradosham Vratam

दक्षिण भारत में प्रदोष व्रत को प्रदोषम के नाम से जाना जाता है और इस व्रत को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

प्रदोष व्रत चन्द्र मास की दोनों त्रयोदशी के दिन किया जाता है जिसमे से एक शुक्ल पक्ष के समय और दूसरा कृष्ण पक्ष के समय होता है। कुछ लोग शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के प्रदोष के बीच फर्क बताते हैं।

प्रदोष का दिन जब सोमवार को आता है तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं, मंगलवार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं और जो प्रदोष शनिवार के दिन आता है उसे शनि प्रदोष कहते हैं।

प्रदोष व्रत, प्रदोषम

जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल के समय व्याप्त होती है उसी दिन प्रदोष का व्रत किया जाता है। प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारम्भ हो जाता है। जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ-साथ होते हैं (जिसे त्रयोदशी और प्रदोष का अधिव्यापन भी कहते हैं) वह समय शिव पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है। ऐसा माना जाता है कि प्रदोष के समय शिवजी प्रसन्नचित मनोदशा में होते हैं। द्रिक पञ्चाङ्ग प्रदोष के दिनों के साथ समय भी सूचीबद्ध करता है जो कि शिव पूजा के लिए उपयुक्त समय है।

स्थान आधारित प्रदोष व्रत के दिन

यह जानना महत्वपूर्ण है कि प्रदोष के व्रत का दिन दो शहरों के लिए अलग-अलग हो सकता है। यह जरुरी नहीं है कि दोनों शहर अलग-अलग देशों में हों क्योंकि यह बात भारत वर्ष के दो शहरों के लिए भी मान्य है। प्रदोष के लिए व्रत का दिन सूर्यास्त के समय पर निर्भर करता है और जिस दिन सूर्यास्त के बाद त्रयोदशी तिथि प्रबल होती है उस दिन प्रदोष का व्रत किया जाता है। इसीलिए कभी कभी प्रदोष का व्रत त्रयोदशी तिथि के एक दिन पूर्व, द्वादशी तिथि के दिन पड़ जाता है।

क्योंकि सूर्यास्त का समय सभी शहरों के लिए अलग-अलग होता है इसीलिए प्रदोष के व्रत की तालिका का निर्माण शहर की भूगोलिक स्थिति को लेकर करना अत्यधिक जरुरी है। द्रिकपञ्चाङ्ग की तालिका हरेक शहर की भूगोलिक स्थिति को लेकर तैयार की जाती है इसीलिए यह ज्यादा शुद्ध है। अधिकतर पञ्चाङ्ग सभी शहरों के लिए एक ही तालिका को सूचीबद्ध करते हैं इसीलिए वो केवल एक ही शहर के लिए मान्य होते हैं।

Kalash
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