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1809 प्रदोष व्रत के दिन Quevedo, Los Rios, Ecuador के लिए

DeepakDeepak

1809 प्रदोष के दिन

त्रयोदशी
11 दिन शेष
सोम प्रदोष व्रत
ज्येष्ठ, कृष्ण त्रयोदशी
Quevedo, Ecuador
03
जून 2024
सोमवार
1809 प्रदोष के दिन
[1865 - 1866] विक्रम सम्वत
प्रदोष व्रत
जनवरी 13, 1809, शुक्रवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 22 मिनट्स
माघ, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - 04:11 ए एम, जनवरी 13
समाप्त - 01:21 ए एम, जनवरी 14
प्रदोष व्रत
जनवरी 28, 1809, शनिवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 22 मिनट्स
माघ, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - 07:07 ए एम, जनवरी 28
समाप्त - 08:21 ए एम, जनवरी 29
प्रदोष व्रत
फरवरी 11, 1809, शनिवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 22 मिनट्स
फाल्गुन, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - 01:47 पी एम, फरवरी 11
समाप्त - 11:51 ए एम, फरवरी 12
प्रदोष व्रत
फरवरी 27, 1809, सोमवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 22 मिनट्स
फाल्गुन, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - 01:15 ए एम, फरवरी 27
समाप्त - 01:03 ए एम, फरवरी 28
प्रदोष व्रत
मार्च 13, 1809, सोमवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 23 मिनट्स
चैत्र, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - 11:49 पी एम, मार्च 12
समाप्त - 11:09 पी एम, मार्च 13
प्रदोष व्रत
मार्च 28, 1809, मंगलवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 23 मिनट्स
चैत्र, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - 04:20 पी एम, मार्च 28
समाप्त - 02:48 पी एम, मार्च 29
प्रदोष व्रत
अप्रैल 11, 1809, मंगलवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 23 मिनट्स
वैशाख, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - 11:07 ए एम, अप्रैल 11
समाप्त - 11:50 ए एम, अप्रैल 12
प्रदोष व्रत
अप्रैल 27, 1809, बृहस्पतिवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 23 मिनट्स
वैशाख, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - 04:20 ए एम, अप्रैल 27
समाप्त - 01:46 ए एम, अप्रैल 28
प्रदोष व्रत
मई 11, 1809, बृहस्पतिवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 23 मिनट्स
ज्येष्ठ, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - 12:09 ए एम, मई 11
समाप्त - 02:02 ए एम, मई 12
प्रदोष व्रत
मई 26, 1809, शुक्रवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 23 मिनट्स
ज्येष्ठ, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - 01:37 पी एम, मई 26
समाप्त - 10:23 ए एम, मई 27
प्रदोष व्रत
जून 9, 1809, शुक्रवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 23 मिनट्स
आषाढ़, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - 02:49 पी एम, जून 09
समाप्त - 05:20 पी एम, जून 10
अधिक प्रदोष व्रत
जून 25, 1809, रविवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 23 मिनट्स
आषाढ़, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - 08:49 पी एम, जून 24
समाप्त - 05:19 पी एम, जून 25
अधिक प्रदोष व्रत
जुलाई 9, 1809, रविवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 23 मिनट्स
आषाढ़, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - 06:32 ए एम, जुलाई 09
समाप्त - 08:57 ए एम, जुलाई 10
प्रदोष व्रत
जुलाई 24, 1809, सोमवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 23 मिनट्स
आषाढ़, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - 02:51 ए एम, जुलाई 24
समाप्त - 11:32 पी एम, जुलाई 24
प्रदोष व्रत
अगस्त 8, 1809, मंगलवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 23 मिनट्स
श्रावण, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - 10:36 पी एम, अगस्त 07
समाप्त - 12:19 ए एम, अगस्त 09
प्रदोष व्रत
अगस्त 22, 1809, मंगलवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 23 मिनट्स
श्रावण, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - 08:53 ए एम, अगस्त 22
समाप्त - 06:16 ए एम, अगस्त 23
प्रदोष व्रत
सितम्बर 6, 1809, बुधवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 23 मिनट्स
भाद्रपद, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - 02:30 पी एम, सितम्बर 06
समाप्त - 03:06 पी एम, सितम्बर 07
प्रदोष व्रत
सितम्बर 20, 1809, बुधवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 23 मिनट्स
भाद्रपद, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - 04:19 पी एम, सितम्बर 20
समाप्त - 02:51 पी एम, सितम्बर 21
प्रदोष व्रत
अक्टूबर 6, 1809, शुक्रवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 22 मिनट्स
आश्विन, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - 05:55 ए एम, अक्टूबर 06
समाप्त - 05:15 ए एम, अक्टूबर 07
प्रदोष व्रत
अक्टूबर 20, 1809, शुक्रवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 22 मिनट्स
आश्विन, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - 02:28 ए एम, अक्टूबर 20
समाप्त - 02:28 ए एम, अक्टूबर 21
प्रदोष व्रत
नवम्बर 5, 1809, रविवार
त्रयोदशी
00 घण्टे 51 मिनट्स
कार्तिक, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - 08:31 पी एम, नवम्बर 04
समाप्त - 06:38 पी एम, नवम्बर 05
प्रदोष व्रत
नवम्बर 18, 1809, शनिवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 22 मिनट्स
कार्तिक, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - 04:09 पी एम, नवम्बर 18
समाप्त - 05:33 पी एम, नवम्बर 19
प्रदोष व्रत
दिसम्बर 4, 1809, सोमवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 22 मिनट्स
मार्गशीर्ष, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ - 09:51 ए एम, दिसम्बर 04
समाप्त - 06:58 ए एम, दिसम्बर 05
प्रदोष व्रत
दिसम्बर 18, 1809, सोमवार
त्रयोदशी
02 घण्टे 22 मिनट्स
मार्गशीर्ष, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ - 09:16 ए एम, दिसम्बर 18
समाप्त - 11:37 ए एम, दिसम्बर 19

टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में Quevedo, Ecuador के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

1809 प्रदोष के दिन

Pradosham Vratam

दक्षिण भारत में प्रदोष व्रत को प्रदोषम के नाम से जाना जाता है और इस व्रत को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

प्रदोष व्रत चन्द्र मास की दोनों त्रयोदशी के दिन किया जाता है जिसमे से एक शुक्ल पक्ष के समय और दूसरा कृष्ण पक्ष के समय होता है। कुछ लोग शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के प्रदोष के बीच फर्क बताते हैं।

प्रदोष का दिन जब सोमवार को आता है तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं, मंगलवार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं और जो प्रदोष शनिवार के दिन आता है उसे शनि प्रदोष कहते हैं।

प्रदोष व्रत, प्रदोषम

जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल के समय व्याप्त होती है उसी दिन प्रदोष का व्रत किया जाता है। प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारम्भ हो जाता है। जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ-साथ होते हैं (जिसे त्रयोदशी और प्रदोष का अधिव्यापन भी कहते हैं) वह समय शिव पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है। ऐसा माना जाता है कि प्रदोष के समय शिवजी प्रसन्नचित मनोदशा में होते हैं। द्रिक पञ्चाङ्ग प्रदोष के दिनों के साथ समय भी सूचीबद्ध करता है जो कि शिव पूजा के लिए उपयुक्त समय है।

स्थान आधारित प्रदोष व्रत के दिन

यह जानना महत्वपूर्ण है कि प्रदोष के व्रत का दिन दो शहरों के लिए अलग-अलग हो सकता है। यह जरुरी नहीं है कि दोनों शहर अलग-अलग देशों में हों क्योंकि यह बात भारत वर्ष के दो शहरों के लिए भी मान्य है। प्रदोष के लिए व्रत का दिन सूर्यास्त के समय पर निर्भर करता है और जिस दिन सूर्यास्त के बाद त्रयोदशी तिथि प्रबल होती है उस दिन प्रदोष का व्रत किया जाता है। इसीलिए कभी कभी प्रदोष का व्रत त्रयोदशी तिथि के एक दिन पूर्व, द्वादशी तिथि के दिन पड़ जाता है।

क्योंकि सूर्यास्त का समय सभी शहरों के लिए अलग-अलग होता है इसीलिए प्रदोष के व्रत की तालिका का निर्माण शहर की भूगोलिक स्थिति को लेकर करना अत्यधिक जरुरी है। द्रिकपञ्चाङ्ग की तालिका हरेक शहर की भूगोलिक स्थिति को लेकर तैयार की जाती है इसीलिए यह ज्यादा शुद्ध है। अधिकतर पञ्चाङ्ग सभी शहरों के लिए एक ही तालिका को सूचीबद्ध करते हैं इसीलिए वो केवल एक ही शहर के लिए मान्य होते हैं।

Kalash
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